Saturday 27 January 2018

राष्ट्रपति का अध्यादेश ( Ordinance ) जारी करने की शक्ति

* अनुच्छेद ( Articale ) 23 के अंतर्गत राष्ट्रपति संसद के स्थगित होने की अवधि में अध्यादेश जारी कर सकता है । ऐसे अध्यादेश का प्रभाव संसद सत्र प्रारम्भ होने के छः सप्ताह तक रहता है । संसद की मंजूरी मिलने पर छः माह तक रहता है ।
* अध्यादेश जारी करने के लिए दो शर्त जरूरी है -
1. संसद स्थगित ( Postponed ) होना चाहिए ।
2. संसद का एक सदन चल रहा हो और दूसरा सदन नही चल रहा हो ।
* राष्ट्रपति सैन्य न्यायायल द्वारा दी गई सजा को माफ कर सकता है लेकिन राज्यपाल नही कर सकता ।
* राष्ट्रपति मृत्युदंड को माफ कर सकता है ( केंद्रीय मंत्रिमंडल के सलाह से ) राज्यपाल मृत्युदंड को माफ नही कर सकता है , लेकिन राज्यपाल मृत्युदंड को निलंबित दंडविधि को कम करना तथा दंड का स्वरूप बदलने में राज्यपाल की शक्ति राष्ट्रपति के समान है ।
* राष्ट्रपति केन्द्रीय कार्यकारी प्रधान होता है । मुख्य शक्तियां प्रधानमंत्री के नेत्रित्व वाली मंत्रिमंडल में निहित होती है । अर्थात राष्ट्रपति अपनी शक्तियों का प्रयोग प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली मंत्रिमंडल की सहायता से कार्य करता है ।
* भारत का राष्ट्रपति राष्ट्र का प्रमुख होता है, उस पर शासन नही करता है ।
* राष्ट्रपति राष्ट्र का प्रमुख होता है तथा संवैधानिक प्रमुख होता है ।
* राष्ट्रपति की सहायता एवं सलाह देने के लिए प्रधानमंत्री के नेतृत्व में मंत्रिपरिषद होती है ।
* मंत्रिपरिषद तथा मंत्रिमंडल लोकसभा के प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदायी (Responsible ) होता है । अनु 75 (3)
* राष्ट्रपति चुनाव आयोग से परामर्श (Consultation ) कर संसद सदस्यों की निरहर्ता ( Disqualification ) के प्रश्न पर निर्णय करता है । अनु -153
* राष्ट्रपति निम्नलिखित के संबंध में अपनी विवेक शक्ति ( Discretion of ) का प्रयोग करता है - 
1. लोकसभा में किसी भी दल के के पास सपष्ट बहुमत न हो अथवा जब प्रधानमंत्री की अचानक मृत्यु हो जाय तथा उसका उत्तराधिकारी कोई न हो ।
2. राष्ट्रपति मंत्रिमंडल को विघटित कर सकता है, यदि वह सदन में विश्वास मत सिद्ध न कर सका हो ।




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