राष्ट्रपति अपने कार्यकाल में निम्नलिखित नियुक्ति करता है -
1. सरवोच्च तथा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश
2. भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक
3. मुख्य चुनाव आयुक्त
4. अन्तर्राजिये परिषद के सदस्य
5. राज्यो के राज्यपाल
6. संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष तथा सदस्य
7. वित्त आयोग एवं उसके सदस्य
8. भाषा आयोग एवं उसके सदस्य
9. Obc आयोग एवं उनके सदस्य
10. संघ के मंत्री
11. राष्ट्रीय महिला आयोग
1. सरवोच्च तथा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश
2. भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक
3. मुख्य चुनाव आयुक्त
4. अन्तर्राजिये परिषद के सदस्य
5. राज्यो के राज्यपाल
6. संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष तथा सदस्य
7. वित्त आयोग एवं उसके सदस्य
8. भाषा आयोग एवं उसके सदस्य
9. Obc आयोग एवं उनके सदस्य
10. संघ के मंत्री
11. राष्ट्रीय महिला आयोग
राष्ट्रपति की अन्य शक्तियां
* राष्ट्रपति संसद के सत्र को आहूत ( बुलाना ) करना सत्रावसान करना तथा लोकसभा को भंग करने का अधिकार है । अनु (85)
* लोकसभा के साधारण निर्वाचन के पश्चात प्रथम सत्र के प्रारंभ में और प्रतेक वर्ष के प्रथम सत्र के प्रारंभ में संसद के दोनों सदनों को समिलित रूप से राष्ट्रपति संसद में विशेष अभिभाषण देता है । [ यह राष्ट्रपति का अभिभाषण संसद ( मंत्रिपरिषद ) तैयार करता है ।]
* संसद द्वारा पारित विधेयक राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद ही कानून बनता है। ।
संसद के निम्नलिखित विधेयक को पेश करने से पहले राष्ट्रपति की सहमति आवश्यक है -
1 धन विधेयक 2. संचित निधि से व्यय करने वाले विधेयक 3. नए राज्य का निर्माण वर्तमान राज्य की सीमा , नाम मे परिवर्तन करने संबंधी विधेयक 4. भूमि अधिग्रहण विधेयक 5. व्यापार की स्वतंत्रता को सीमित करने वाला विधेयक ।
* राष्ट्रपति संसद के संयुक्त बैठक को बुलाता है , लेकिन उसकी अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष करता है ।
* राष्ट्रपति साहित्य , कला , विज्ञान तथा समाजसेवा से जुड़े 12 व्यक्ति को राज्यसभा में मनोनीत करता है ।
* राष्ट्रपति लोकसभा में 2 व्यक्ति को जो एंग्लो इंडियन है उसको मनोनीत करता है ।
Note - संविधान के तहत किसी विधेयक पर राष्ट्रपति द्वारा अनुमति देने या न देने के लिए किसी समय सीमा का प्रतिबंध नही है ।
* राष्ट्रपति चुनाव आयोग से परामर्श कर संसद सदस्य की अयोग्यता के प्रश्न पर निर्णय करता है । ( अनु 103 )
* यदि किसी साधारण विधेयक पर संसद के दोनों सदनों में मतभेद हो तो राष्ट्रपति ऐसे विधेयक को पास करने के लिए दोनों सदनों की संयुक्त अधिवेसन बुला सकता है ।
अब तक ऐसी परिस्थिति तीन बार हो चुकी है -
1. दहेज प्रतिषेध विधेयक - 1960
2. बैंक सेवा विधेयक - 1977
3. आतंकवाद निरोध विधेयक - 2000
आज के पोस्ट में बस इतना ही आगे की जानकारी के लिये आप हमे mail कर सकते है , मेरा mail id है aloksrajput5140@gmail.com
Hii
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